माँ-बाप ही जीवन दाता वे ही पालनहार हैं माँ-बाप ही जीवन दाता वे ही पालनहार हैं
मौत को गले लगाता किसान ये नहीं है अपना पंजाब, मौत को गले लगाता किसान ये नहीं है अपना पंजाब,
साथ रहने के कसमें, और रस्में खाते है देखो दो दिल कैसे जीते है साथ रहने के कसमें, और रस्में खाते है देखो दो दिल कैसे जीते है
लोग स्वार्थ के लिये निभाते रिश्ते चार है। लहू-रिश्ते में भी क्या ख़ूब पानी की बहार है। लोग स्वार्थ के लिये निभाते रिश्ते चार है। लहू-रिश्ते में भी क्या ख़ूब पानी की ...
कौन दुख दे सकता है तुझे, मुझे या उसे किसी और के नहीं ये सब खुद ही के सताए हैं कौन दुख दे सकता है तुझे, मुझे या उसे किसी और के नहीं ये सब खुद ही के सताए...
अगर प्यार इसे कहते हैं तो, “इमोशनल अत्याचार “की परिभाषा क्या है। अगर प्यार इसे कहते हैं तो, “इमोशनल अत्याचार “की परिभाषा क्या है।